(Video) राज्य सभा टीवी देश देशांतर Rajya Sabha TV (RSTV) Desh Deshantar : कोरोना की दूसरी लहर और ऑक्सीजन प्रबंधन (Covid-19: Second Wave & Oxygen Management)


(Video) राज्य सभा टीवी देश देशांतर Rajya Sabha TV (RSTV) Desh Deshantar :  कोरोना की दूसरी लहर और ऑक्सीजन प्रबंधन (Covid-19: Second Wave & Oxygen Management)


विषय (Topic): कोरोना की दूसरी लहर और ऑक्सीजन प्रबंधन (Covid-19: Second Wave & Oxygen Management)

अतिथि (Guest):

  • Dilip Chenoy, (Secretary General, FICCI) (दिलीप चेनॉय, महासचिव, फिक्की)
  • Dr. K. Madan Gopal, (Senior Consultant, Health, NITI Aayog) (डॉ. के. मदन गोपाल, वरिष्ठ सलाहकार, स्वास्थ्य, नीति आयोग)

विषय विवरण (Topic Description):

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया है। क्योंकि, इस बार वायरस के रूप बदलने की बात तो सामने आ ही रही है, उसने अपनी वजह से इंसानी शरीर में पैदा होने वाले लक्षणों को भी बदल दिया है। इस बार पिछले साल के मुकाबले उसके प्रभाव में भी बदलाव दिख रहा है। जैसे कि इस बार वेंटिलेटर की आवश्यकता की जगह ऑक्सीजन देने की ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है। दूसरी लहर में वेंटिलेटर की बहुत ज्यादा आवश्यकता नहीं देखी जा रही है। जबकि, सांस की समस्या की वजह से इस बार ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है।देश में ऑक्सीजन के लिए लगभग 7,127 एमटी की पर्याप्त उत्पादन क्षमता है और आवश्यकतानुसार, इस्पात संयंत्रों के पास उपलब्ध सरप्‍लस ऑक्सीजन को भी उपयोग में लाया जा रहा है। देश में प्रतिदिन 7,127 एमटी ऑक्सीजन की दैनिक उत्पादन क्षमता है। इसके मुकाबले, जैसा कि ईजी-2 द्वारा निर्देश दिया गया है पिछले दो दिनों से कुल उत्पादन 100 प्रतिशत रहा है, क्योंकि मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत तेजी से बढ़ी है। 12 अप्रैल 2021 से देश में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 3,842 एमटी है, जो कि दैनिक उत्पादन क्षमता का 54 प्रतिशत है। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की अधिकतम खपत महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली जैसे राज्यों द्वारा की जा रही है, जिसके बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान का स्थान आता है। बढ़ते मामलों के साथ, मेडिकल ऑक्सीजन की खपत को राज्यों की आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखने के लिए हर स्तर पर कोशिशे की जा रही है। इसके लिए, विनिर्माण संयंत्रों के साथ औद्योगिक ऑक्सीजन स्टॉक सहित देश का वर्तमान ऑक्सीजन स्टॉक 50,000 एमटी से अधिक है।ऑक्सीजन टैंकरों का एक से दूसरे राज्यों में आवागमन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें परमिट के पंजीकरण से छूट दी गई है. सिलेंडरों में ऑक्सीजन भरने वाले प्लांट को भी सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए चौबीसों घंटे काम करने की अनुमति दी गई है. इतना ही नहीं, सरकार ने इंडस्ट्रियल यूज में ऑक्सीजन के इस्तेमाल को सिर्फ 9 बेहद जरूरी उद्योगों तक सीमित कर दिया है। और उद्योगों में इस्तेमाल आने वाले सिलेंडरों के मेडिकल ऑक्सीजन के लिए इस्तेमाल की अनुमति दी है। देश देशांतर में आज बात कोरोना की दूसरी लहर और ऑक्सीजन प्रबंधन की..
 

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Courtesy: RSTV