आईओडी मेट्रिक (IOD Metric) : डेली करेंट अफेयर्स

ओजोन लेयर हमें सूर्य के हानिकारक ulatraviolet radiation से बचाता है । इसलिए पूरा विज्ञान जगत यह चाहता रहा है कि ओजोन लेयर के क्षरण की जांच करने वाली इफेक्टिव प्रणाली विकसित हो जिससे मिले निष्कर्ष के आधार पर ओजोन लेयर में होते सुराख को भरने की दिशा में काम हो सके।

पृथ्वी को कैंसरकारी स्थितियों से बचाने के लिए ozone layer को track करने वाली मजबूत प्रणाली होनी जरूरी है।

इसी बात को ध्यान में रखकर अनुसंधानकर्ताओं ने ozone layer को track करने वाले एक नए मेथड को विकसित किया है।

ओजोन परत (Ozone Layer) : डेली करेंट अफेयर्स ...

इस नए मेथड का नाम है इंटीग्रेटेड ओजोन डिपलिशन मेट्रिक ( IOD Metric)

इस मेथड की सबसे खास बात यह है कि यह बता सकता है कि अनियंत्रित ( unregulated) ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का ओजोन लेयर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और ओजोन लेयर को सुरक्षित करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं वह कितने प्रभावी हैं या प्रभावी नहीं है।

IOD नए उत्सर्जन का प्रभाव तीन बिंदुओं के आधार पर बता सकता है:

  1. Strength of emissions
  2. How long it will persist in the atmoshphere
  3. How much ozone it is expected to destroy

IOD ओजोन लेयर रिकवरी पर किसी भी प्रकार के उत्सर्जन के प्रभाव का मापन कर सकता है फिर चाहे वो क्लोरो फ्लोरो कार्बन का प्रभाव हो या किसी अन्य ग्रीन हाउस या नॉन ग्रीन हाउस गैस का प्रभाव हो।

IOD के जरिये Emissions की size , Chemical lifetimes का पता लगाया जा सकेगा।

IOD मेट्रिक वायुमंडल के एक कंप्यूटर मॉडल पर आधारित है । इस मॉडल का नाम है UK Chemistry and Aerosols Model .

इस नए मेथड पर जानकारी The Nature में प्रकाशित किया गया है। इसमें प्रकाशित पेपर के co author ल्यूक अब्राहम का कहना है कि UK Chemistry and Aerosols Model के जरिये CFC के concentration और अन्य Ozone depleting substances के प्रभाव के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकेगा।