गोगरा-हॉटस्प्रिंग (Gogra-Hot Springs) : डेली करेंट अफेयर्स

लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र से भारतीय और चीनी सैनिकों का समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से पीछे हटना शुरू हो गया है। भारत-चीन संयुक्त वक्तव्य के अनुसार भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 16वें दौर की बैठक में आज बनी सहमति के बाद यह कार्रवाई हो रही है। यह कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के अनुकूल है।

कहाँ है गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र?

चीन व भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ भारतीय सेना को कुछ निश्चित स्थान दिए गए हैं, जहां उसके सैनिकों को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में गश्त के लिए जाना पड़ता है। इन बिंदुओं को गश्त करने वाले बिंदुओं यानी पेट्रोलिंग पॉइंट या PPs के रूप में जाना जाता है। इन बिंदुओं को तय करने का काम चीन अध्ययन समूह (CSG) द्वारा किया जाता है। CSG की स्थापना 1976 में हुई थी। इस तरह के कुल लगभग 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स है और इन्हीं में से 2 हैं PP15 और PP17A। PP15 क्षेत्र हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है, जबकि PP17A गोगरा पोस्ट नामक क्षेत्र के पास है। ये दोनों इलाके पूर्वी लद्दाख में LAC के गलवान में चांग चेनमो नदी के करीब हैं। यह इलाका पहाड़ों की काराकोरम रेंज के उत्तर में है, जो पैंगोंग त्सो झील के उत्तर में स्थित है, और गलवान घाटी के दक्षिण पूर्व में है। बता दें कि चांग चेनमो नदी श्योक नदी की सहायक नदी है, जो सिंधु नदी प्रणाली का हिस्सा है।

भारत के लिए ये इलाक़ा ज़रूरी क्यों है?

दरअसल ये इलाके भारत और चीन, दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। चीनी सेना गोगरा, हॉट स्प्रिंग और कोंगका ला क्षेत्र से इलाके में तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में रसद पहुंचा पाती है। वहीँ देसपांग प्लेंस जो काराकोरम दर्रे के पास स्थित दौलत बेग ओल्डी के करीब है जहां भारत ने अपना स्ट्रेटिजिक बेस बना रखा है।

अभी तक क्या कहानी रही?

वैसे तो भारत चीन के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है लेकिन अभी मौजूदा LAC विवाद ढाई साल पहले मई में शुरू हुआ था। उस वक्त चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद, भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने की वजह से सैन्य गतिरोध पैदा हो गया था। इसी क्रम में 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस तरह के संघर्ष को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य स्तर पर वार्ता हुई। इस बार 16वीं दौर की वार्ता के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों ने हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट से पीछे हटना शुरू किया है।

मौजूदा क़दम के क्या फायदे रहेंगे?

इस पहल से सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाये रखने में मदद मिलेगी। तकरीबन ढाई साल से चल रहे सैन्य विवाद के निपटारे में गोगरा-हॉटस्प्रिंग का इलाका सबसे बड़ी अड़चन बना हुआ था। इतना ही नहीं .... इस कदम के बाद अब उम्मीद है कि अगले हफ्ते ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शीर्षस्तरीय बैठक में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच भी मुलाकात हो सकती है।