नॉर्थ चैनल पार करने वाले एशिया के पहले भारतीय पैरा स्वीमर : डेली करेंट अफेयर्स

असम के एल्विस अली हजारिका नॉर्थ चैनल को पार करने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के पहले तैराक बन गये हैं। एल्विस और उनकी टीम ने इस जलक्षेत्र को पार करने में 14 घंटे 38 मिनट का समय लिया। इस प्रकार एल्विस नॉर्थ चैनल को पार करने वाले सबसे अधिक आयु के भारतीय तैराक भी बन गये। इतना ही नहीं एल्विस अली और पश्चिम बंगाल के रिमो साहा इतिहास रचते हुए यूरोप में नॉर्थ चैनल को पार करने वाली देश की और एशिया की पहली रिले टीम बने।

उनकी टीम में मध्यप्रदेश के चंबल निवासी पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह लोहिया भी शामिल थे जो नॉर्थ चैनल पार करने वाले एशिया के पहले पैरा स्वीमर बन गए हैं। सतेंद्र सिंह दोनों पैरों से 70 प्रतिशत दिव्यांग हैं। इन्होंने 36 किलोमीटर के नॉर्थ चैनल को 14.39 घण्टे में पार कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। ग़ौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह लोहिया ने इंग्लिश और केटलीना चैनल को पार करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था और ऐसा करने वाले एशिया के पहले अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग पैरा स्वीमर बने थे। सतेंद्र को विश्व दिव्यांगता दिवस के अवसर पर 3 दिसंबर 2019 को 'सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी' पुरस्कार और 2020 में तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

आपको बता दें कि जलसंधि या जलडमरू पानी के ऐसे तंग मार्ग को कहते हैं जो दो बड़े जलसमूहों को जोड़ता हो। इसका भौगोलिक आकार ज़्यादातर डमरू जैसा होता है, जिसके दो बड़े जलीय भागों के मध्य में जलसंधि होती है, इसलिये इसे जलडमरूमध्य भी कहते हैं। नार्थ चैनल एक ऐसा ही जलसंधि है। ये उत्तरी आयरलैंड के उत्तर-पूर्व और स्कॉटलैंड के दक्षिण-पश्चिम में एक जलडमरूमध्य है। विश्व के जितने भी चैनल है, उनमें से यह सबसे ठंडा है। यहां लगभग 12 डिग्री का तापमान रहता है।