यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी (Vaccine Diplomacy of India)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी (Vaccine Diplomacy of India)

भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी (Vaccine Diplomacy of India)

चर्चा का कारण

  • भारत ने दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। कोरोना से जारी वैश्विक जंग में वैक्सीन के स्तर पर भी भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होने जा रही है। पैरासीटामोल और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (एचसीक्यू) दवा की तरह दुनिया के कई देश अब भारत से कोरोना वैक्सीन लेने की उम्मीद कर रहे हैं।

प्रमुख बिन्दु

  • भारत सरकार ने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसी के तहत अब इंस्टीटड्ढूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खेप केंद्र सरकार की निगरानी में बांग्लादेश भेजी जाएगी। गौरतलब है कि कोरोना से जंग में भारत की तरफ से 50 से अधिक देशों को पैरासीटामोल, एचसीक्यू व अन्य दवाइयों की आपूर्ति की गई।
  • ब्राजील व मैक्सिको जैसे देशों से भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन को लेकर पूछताछ की गई है। कई अन्य देश भारत में औपचारिक तौर पर वैक्सीन लगने की शुरुआत का इंतजार कर रहे हैं। बांग्लादेश पहले से ही भारतीय वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। कोरोना वैक्सीन को लेकर पाकिस्तान भी भारतीय फार्मा जगत से संपर्क की कोशिश में है।
  • बांग्लादेश के अलावा वैक्सीन श्रीलंका, मालदीव, नेपाल और अन्य पड़ोसी देशों को भी भेजी जाएगी। विश्लेषकों के मुताबिक देश में वैक्सीन लगने की औपचारिक शुरुआत के बाद भारत के साथ दोस्ताना व्यवहार रखने वाले देशों में निर्यात की इजाजत दी जा सकती है।

भारत-चीन के बीच प्रतिस्पर्धा

  • दुनिया को कोविड के टीके मुहैया कराने की तैयारी का एक सिरा कूटनीति से भी जुड़ता दिख रहा है, जहां भारत और चीन के बीच मुकाबला हो सकता है । चीन अपनी छवि को बेहतर करने के लिए वैक्सीन डिप्लोमैसी का सहारा ले रहा है। साथ ही वह, ‘अमेरिका फर्स्ट’ के वैक्सीन नेशनलिज्म का जवाब भी देना चाहता है। इसके लिए वह कोशिश कर रहा है कि अधिक से अधिक देशों में उसके टीकों का इस्तेमाल हो।
  • इसके इतर बांग्लादेश ने भारतीय वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रॉयल पर सहमति जताई है। चीन ने सिनोवैक बॉयोटेक लिमिटेड द्वारा बनाए गए कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर बांग्लादेश को वित्तीय सहारा देने की पेशकश की लेकिन बांग्लादेश ने इसे अस्वीकार कर दिया।
  • वैक्सीन डिप्लोमेसी संशोधित अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक अनोखा अवसर प्रदान करती है। वैक्सीन की मांग वैश्विक है, कुछ ही देशों में इसका विकास किया जा रहा है। व्यापक स्तर पर उत्पादन की सुविधाएं भारत और चीन के समान बहुत कम ही देशों के पास हैं।

भारत का वैश्विक देशों में बढ़ता कद

  • भारत कोवैक्स एंड गावी (covax and gavi) के नेतृत्व वाले समूह के 189 देशों, जिनमें अमेरिका शामिल नहीं है, द्वारा की गई एक अन्य पहल में भी भागीदार है। उनका उद्देश्य 2021 के अंत तक 2 बिलियन खुराकों की खरीद करना है, इसका आधा हिस्सा पूरी दुनिया के निम्न आय वर्ग के देशों को दिया जाएगा, जिसे वे अपने यहां के उच्च जोखिम और आरक्षित समूहों विशेषकर स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्यकर्ताओं को सुरक्षित करने के लिए वितरित करेंगे।
  • विश्व गुरु के एक अंग के रूप में भारत कोविड-19 की वैक्सीनों, उनके उपयोग, वितरण, विशेषकर विकासशील देशों में अपनी क्षमताओं और उभरती प्रौद्योगिकी को साझा करने का मजबूत राजनयिक प्रयास करता है। भारत की उत्पादन सुविधाएं ने उसे वैक्सीन के मुख्य आपूर्तिकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है।