यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: केन्द्रीय बजट 2023-24 : भाग-2 (Union Budget 2023-24 : Part 2)

तरह-तरह के संकटों के बीच मजबूती हासिल की गई

  • भारत की वैश्विक साख निम्न कारणों से निरंतर बढ़ती जा रही हैः
  • अनूठी विश्वस्तरीय सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यथा आधार, को-विन, और यूपीआई।
  • अभूतपूर्व पैमाने एवं गति से कोविड-19 टीकाकरण अभियान।
  • अग्रणी क्षेत्रों में अति सक्रिय भूमिका निभाने जैसे कि जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल कर लेने में।
  • मिशन लाइफ।
  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई।
  • खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।

जी20 की अध्यक्षताः चुनौतियों के बीच वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है

  • वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि वैश्विक चुनौतियों के मौजूदा समय में जी20 की अध्यक्षता ने भारत को विश्व आर्थिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत करने का अनूठा अवसर प्रदान किया है।
  • ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की थीम के साथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास को संभव करने के लिए एक महत्त्वाकांक्षी जन-केन्द्रित एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।

वर्ष 2014 से लेकर अब तक की उपलब्धियां: सभी को ध्यान में रखकर नीतियों-योजनाएं का निर्माण हो रहा है

  • सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से ही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों के तहत सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर और सम्मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है, जिसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है।
  • उन्होंने कहा कि इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार काफी विशाल हो गया है जो दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से काफी आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
  • देश की अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण काफी बढ़ गया है जैसा कि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्यता से स्पष्ट होता है जो कि दोगुनी से भी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है। इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं।
  • समावेशी विकास के तहतः
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11.7 करोड़ घरेलू शौचालय बनाए गए।
  • उज्ज्वला के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए,
  • 102 करोड़ लोगों को कोविड टीके की 220 करोड़ खुराक दी गई।
  • 47.8 करोड़ पीएम जन-धन बैंक खाते खोले गए।
  • पीएम सुरक्षा बीमा और पीएम जीवन ज्योति योजना के तहत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवर दिया गया।
  • पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11.4 करोड़ से भी अधिक किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया गया ।