यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: तेंदुओं के अवैध शिकार पर ‘ट्रैफिक इंडिया’ का अध्ययन ('TRAFFIC India' Study on Poaching of Leopards)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): तेंदुओं के अवैध शिकार पर ‘ट्रैफिक इंडिया’ का अध्ययन ('TRAFFIC India' Study on Poaching of Leopards)

तेंदुओं के अवैध शिकार पर ‘ट्रैफिक इंडिया’ का अध्ययन ('TRAFFIC India' Study on Poaching of Leopards)

चर्चा का कारण

  • ट्रैफिक इंडिया (TRAFFIC India) द्वारा तेंदुओं (Panthera pardus fusca) की मृत्यु दर पर किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि भारत में 2015-2019 के बीच कुल 747 तेंदुए की मौत हुई। इनमें, 596 मौतें अवैध वन्यजीव व्यापार और अवैध शिकार से जुड़ी गतिविधियों से हुईं थी।

प्रारंभिक उत्तरदाता

  • प्रारंभिक उत्तरदाता वे लोग होते हैं, जो मानव तस्करी के शिकार व्यक्तियों की पहचान करने, उनकी सहायता करने, परामर्श देने तथा उनके लिए न्याय दिलाने जैसे विभिन्न क्षेत्रें में कार्य करते हैं, इसके अतिरिक्त ‘प्रारंभिक उत्तरदाता’ तस्करों को सजा दिलवाने की चुनौतियों से भी निपटते हैं।
  • हालाँकि COVID-19 महामारी के दौरान, प्रारंभिक उत्तरदाताओं की अनिवार्य भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, विशेष रूप से महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों ने उनके काम को और भी कठिन बना दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • TRAFFIC इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार इन वर्षों के दौरान शिकारियों द्वारा 140 तेंदुए मारे गए थे और उनके शवों को वन क्षेत्रें से बरामद किया गया था। इसके अतिरिक्त कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न अभियानों के दौरान 456 तेंदुओं के शरीर के अंगों को जब्त किया गया था।
  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तराखंड और महाराष्ट्र में सबसे अधिक अवैध शिकार की घटनाएं दर्ज की गईं। 2015 से 2019 की अवधि के दौरान, उत्तराखंड में तेंदुए के शरीर के अंगों की बरामदगी के 140 से अधिक मामले थे, और लगभग 19 मौतें अवैध शिकार से जुड़ी थीं।
  • 2015 से 2019 के बीच महाराष्ट्र में तेंदुए के शरीर के अंगों को जब्त करने के 40 से अधिक मामले और अवैध शिकार के 16 मामले दर्ज किए गए।
  • 2015 से 2019 के बीच भारतीय तेंदुओं की आबादी में 75% से 90% की गिरावट दर्ज की गई।

अवैध शिकार में बढ़ोतरी क्यों?

  • अवैध वन्यजीव व्यापार में खाल (skin) सबसे अधिक मांग वाला उत्पाद रहा, जबकि पंजे, दांत और हड्डियों आदि का भी अवैध कारोबार किया गया।
  • यह भी माना जाता है कि तेंदुए की हड्डियों को संभवतः बाघ की हड्डियों के रूप में कारोबार किया जाता है। जानकारों का मानना है कि बाघ व तेंदुओं की हड्डियों का प्रयोग पारंपरिक दवाओं में किया जाता है जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी मांग रहती है।

तेंदुओं की अंतिम औपचारिक गणना

  • 2014 में भारत के तेंदुओं की अंतिम औपचारिक गणना के अनुसार इनकी आबादी 12,000 से 14,000 के बीच है।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि, सिकुड़ते निवास और अवैध व्यापार से उत्पन्न होने की आशंका से, विशेषज्ञों का सुझाव है कि तेंदुओं के संरक्षण पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।

ट्रैफिक इंडिया

  • ट्रैफिक (TRAFFIC) दुनिया भर में एक प्रमुख वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क है। TRAFFIC का पूरा नाम TRADE Record Analysis of Flora and Fauna in Commerce है। यह एक एक अग्रणी गैर-सरकारी संगठन है जो जैव विविधता संरक्षण और सतत विकास के संदर्भ में वन्यजीव व्यापार के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1976 में हुई और इसका मुख्यालय कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में है।

तेंदुआ

  • तेंदुआ का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा पार्डस है। यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 में सूचीबद्ध है। तेंदुए की नौ उप-प्रजातियों को मान्यता दी गई है और उन्हें अफ्रीका और एशिया में वितरित किया गया है।