यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 तथा अमृत 2.0 (Swachh Bharat Mission-Urban 2.0 and AMRUT 2.0)

खबरों में क्यों?

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) और अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के नए संस्करणों का शुभारंभ किया

स्वच्छ भारत मिशन के बारे में

1. एसबीएम-शहरी को औपचारिक रूप से 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया गया था मिशन के उद्देश्य थेः

  • सभी वैधानिक शहरों को खुले में शौच मुक्त करना
  • नगर निगम के ठोस कचरे का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक प्रबंधन
  • जन आंदोलन के माध्यम से प्रभावी व्यवहार परिवर्तन

2- मिशन ने शहरी भारत में स्वच्छता सुविधाओं का 100% पहुंच प्रदान की और मिशन के तहत 70 लाख से अधिक घरों, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है

3- इस अभियान ने स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की, जिन्हें गूगल मानचित्र पर एसबीएम शौचालय जैसे डिजिटल नवाचार के माध्यम से और बेहतर बनाया गया है, इसमें 3,300+ शहरों में 65,000 से अधिक सार्वजनिक शौचालयों को लाइव बनाया गया है

4- वर्ष 2019 में, शहरो भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था, जिसमें 3,000 से अधिक शहरों और 950 शहरों को क्रमशः ओडीएफ+ और ओडीएफ++ प्रमाणित किया गया था

5- जल+ प्रोटोकॉल के तहत शहर जल+ प्रमाणीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जो अपशिष्ट जल के प्रबंधन और इसके इष्टतम पुनः उपयोग पर केन्द्रित है

6- अब एसबीएम-यू 2.0 के अंतर्गत अगले 5 वर्षों में स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, इस प्रकार शहरी भारत को "स्वच्छता" के अगले स्तर पर ले जाया जाएगा.

एसबीएम-यू 2.0 के प्रमुख घटक

  • अगले 5 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में प्रवास करने वाली अतिरिक्त आबादी की सेवा के लिए स्वच्छता सुविधाओं तक पूर्ण पहुंच
  • 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में पूर्ण तरल अपशिष्ट प्रबंधन. रोकथाम, संग्रह, परिवहन, तरल अपशिष्ट का उपचार
  • स्थायी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्रोत पृथक्करण पर अधिक जोर. अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं और सामग्री रिकवरी केंद्र भी स्थापित की जाएंगी
  • सभी पुराने डंपसाइट्स का उपचार मिशन की एक अन्य प्रमुख विशेषता होगी
  • यह उम्मीद की जाती है कि सभी शहर कम से कम 3-स्टार कचरा मुक्त प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे और सभी वैधानिक शहर कम से कम ओडीएफ+ बन जाएंगे
  • विशेष रूप से केंद्रित प्रमुख क्षेत्र - स्वच्छता और अनौपचारिक अपशिष्ट श्रमिकों की भलाई
  • 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए SBM-U 2.0 के लिए 1,41,600 करोड़ के वित्तीय परिव्यय को अंतिम रूप दिया गया है

अमृत 2.0 के बारे में

इसे 2015 में पहले जल-केंद्रित मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था, जिसमें 500 प्रमुख शहरों को शामिल किया गया है, जिसमें शहरी आबादी का 60% से अधिक है

अमृत के तहत प्रमुख उपलब्धियां

  1. अमृत शहरों में कुल 4.14 करोड़ कनेक्शन देने की योजना पर कार्य करते हुए 1.14 करोड़ नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं
  2. लगभग 3850 एकड़ हरित स्थानों को जोड़ा गया है
  3. 106 जलाशयों का कायाकल्प किया जा चुका है
  4. 2200 जलभराव स्थलों का निस्तारण कर दिया गया है
  5. 470 शहरों में क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा हो चुका है
  6. 10 यूएलबीएस ने म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए करीब 3840 करोड़ रुपये जुटाए हैं
  7. 455 अमृत शहरों में ऑनलाइन भवन अनुमति प्रणाली लागू किया गया है
  8. 89 लाख पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटों से बदला गया है

अमृत 2.0 का उद्देश्य

  • अमृत 2.0 का लक्ष्य लगभग 4,700 कस्बों/ शहरों को साफ पानी पहुंचाना है
  • यह पानी की जरूरतों को पूरा करने, जल निकायों को फिर से जीवंत करने, जलाशयों का बेहतर प्रबंधन करने, शोधित अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग करने के लिए कार्य करेगा जिससे पानी की चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा
  • यह लगभग 4700 शहरी स्थानीय निकायों के सभी घरों में पानी की आपूर्ति का 100% कवरेज प्रदान करेगा
  • 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज कनेक्शन का 100% कवरेज होगा
  • 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहर अमृत के तहत कवर किये गए 500 शहरों से लेकर सभी 4,372 शहरों तक, 100% शहरी भारत को कवर किया जाएगा
  • कागज रहित अभियान के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा- चुनौती प्रक्रिया के माध्यम से पानी की मात्रा और गुणवत्ता, जल के समान वितरण, अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग और जल निकायों के मानचित्रण को सुनिश्चित करने के लिए शहरों में पेय जल सर्वेक्षण किया जाएगा
  • यह सभी हितधारकों के लिए लक्ष्य आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम के साथ-साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी को भी बढ़ावा देगा
  • एनआरएससी के माध्यम से शहरी जल सूचना प्रणाली विकसित की जाएगी, जिससे जलभृत प्रबंधन प्रणाली विकसित होगी- सूचना, शिक्षा और संचार अभियान से जनता में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलेगी