यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: रोहिंग्या शरणार्थियों का सुदूर द्वीप पर पुनर्वासन (Rohingya Refugees Resettled on Remote Island)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): रोहिंग्या शरणार्थियों का सुदूर द्वीप पर पुनर्वासन (Rohingya Refugees Resettled on Remote Island)

रोहिंग्या शरणार्थियों का सुदूर द्वीप पर पुनर्वासन (Rohingya Refugees Resettled on Remote Island)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में बांग्लादेश ने 1,600 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों के पहले समूह को एक सुदूर द्वीप पर भेज दिया है। जिस द्वीप पर रोहिंग्या शरणार्थियों को भेजा जा रहा है उसका नाम भाषण चार’ (Bhasan Char) है। इस द्वीप को 20 साल पहले समुद्र में खोजा गया था और यहां अकसर बाढ़ आ जाती है।

रोहिंग्या समुदाय

  • जटिल रोहिंग्या शरणार्थी संकट अगस्त, 2017 में उस समय पैदा हुआ था जब म्यांमार के पश्चिमी हिस्से में कुछ पुलिस चौकियों पर हमले हुए थे। उन हमलों का आरोप, कथित रूप से रोहिंग्या समुदाय से सम्बद्ध सशस्त्र गुटों पर लगाया गया था। उन हमलों के बाद म्यांमार की सेना और सुरक्षा बलों ने रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ व्यवस्थित रूप में हमले किये, जिनमें मुख्य रूप से मुसलमानों के खिलाफ हमले शामिल थे।
  • इस कार्रवाई के दौरान बलात्कार एवं हत्याएं की गयीं और हजारों घर जला दिये गये। वैश्विक अधिकारवादी संगठनों एवं संयुक्त राष्ट्र ने इसे जातीय सफाया करार दिया था।
  • उन हमलों के बाद बहुत से रोहिंग्या लोग सुरक्षा के लिये बांग्लादेश के लिये भाग निकले और लगभग 7 लाख रोहिंज्या शरणार्थियों ने अपने घर छोड़कर बांग्लादेश में पनाह ली, जिनमें ज्यादातर बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग थे।

वर्तमान स्थिति

  • म्यांमार राष्ट्रीयता कानून, 1982 के तहत म्यांमार ने रोहिंग्या आबादी को नागरिकता देने से इनकार कर दिया है।
  • फिलहाल रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के तटीय शहर कॉक्स बाजार में शिविरों में रह रहे हैं और यहां करीब दस लाख रोहिंग्या शरणार्थियों के रहने का इंतजाम है। लेकिन शिविर शरणार्थियों से भरे पड़े हैं और अकसर यहां सुविधाओं की कमी रहती है।

भाषण चार द्वीप

  • भाषण चार द्वीप दक्षिण पूर्वी बांग्लादेश के हतिया द्वीप से 30 किलोमीटर पूर्व में स्थित एक निर्जन द्वीप था। इस द्वीप का निर्माण लगभग दो दशक पूर्व मेघना नदी के मुहाने पर हुआ था।
  • यह द्वीप मानसून के दौरान नियमित रूप से डूब जाता था लेकिन अब वहां बाढ़ सुरक्षा तटबंध, मकान, अस्पताल, मस्जिदें आदि हैं। यह द्वीप मुख्य भूमि से 21 मील दूर है। भाषण चार द्वीप लगभग 13,000 एकड़ क्षेत्र में फैला है।

चिंताएँ

  • दरअसल भाषण चार द्वीप पर हमेशा गंभीर समुद्री तूफान का खतरा मंडराता है और हाई टाईड की स्थिति में द्वीप के पूरी तरह डूब जाने का भी खतरा रहता है। ऐसी तबाही की स्थिति में वहां रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाना उन्हें मौत के मुंह में भेजने जैसा होगा।
  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही रोहिंग्या शरणार्थियों को भाषण चार द्वीप में बसाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। भाषण चार द्वीप कुछ क्षेत्र लो टाइड और कुछ क्षेत्र हाई टाइड से तबाह हो सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप पर स्थानांतरित करने को लेकर शरणार्थियों को ‘स्वतंत्र एवं सुविचारित निर्णय’ लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

मानवाधिकार संगठनों का आरोप

  • मानवाधिकार समूहों ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक कुछ शरणार्थियों को द्वीप पर जाने के लिए मजबूर किया गया है।

शरणार्थियों की रक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रावधान

  • संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि, 1951 का उद्देश्य शरणार्थियों की समस्याओं के प्रति आपात राहत पुनर्वास सहायता, सुरक्षा तथा स्थायी निदान उपलब्ध कराना है। जबकि शरणार्थियों की स्थिति पर प्रोटोकॉल, 1967 सभी देशों के शरणार्थियों को शामिल करता है।

भारत की शरणार्थी नीति

  • भारत ने 1951 के शरणार्थी दर्जे के संबंध में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन समझौते पर या ‘मेजबान राज्य’ द्वारा आवश्यक रूप से शरणार्थियों को अधिकार और सेवाएँ देने से संबंधित प्रोटोकॉल पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किये हैं।