यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana)

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana)

चर्चा का कारण

  • महिला और बाल विकास मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वित्तीय वर्ष 2020 तक 1.75 करोड़ महिला लाभार्थी शामिल हो चुकी हैं। केंद्र सरकार के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य प्रति वर्ष 60 लाख महिलाओं को कवर करने का था।
  • वित्तीय वर्ष 2018 से 2020 तक 1.75 करोड़ पात्र लाभार्थियों को कुल 5,931.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना महिला और बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development- MWCD) द्वारा शुरू की गई थी।
  • यह योजना 1 जनवरी, 2017 से देश के सभी जिलों में लागू है।
  • इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना होता है ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल कर सकें।
  • इस योजना को 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चलाया जाता है। इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला व माताओं को 6000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि सीधे उनके खाते में जाती है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य

  • गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल और संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • महिलाओं को पहले छह महीनों के लिए प्रारंभिक और विशेष स्तनपान तथा पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना।

लाभार्थियों के लिए शर्तें

  • सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए पात्र मानी गई हैं। योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
  • हालांकि सरकारी कर्मचारी, किसी अन्य कानून से लाभ पा रही प्राइवेट कर्मचारी या फिर पहले सभी किस्तें पा चुकी महिला को इसके लाभ से वंचित रहना होगा। सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं जबकि प्राइवेट संस्थान में काम करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है।
  • साथ ही किसी अन्य योजना का लाभ ले रही या फिर इसी योजना के तहत लाभ ले चुकीं महिलाओं को भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से वंचित रहना पड़ सकता है।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन किया जाता है। महिलाएं वहां जा कर इस योजना के लिए पंजीकरण करा सकती हैं। स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर भी इस योजना के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है। इसमें आशा कार्यकर्ता मदद करती हैं।

महत्त्वपूर्ण सुझाव

  • भारतीय बच्चों में कुपोषण स्तर के स्थिर बने रहने का मुख्य कारण महिलाओं के गर्भधारण से पहले और गर्भावस्था के दौरान उनका कुपोषित होना है। ऐसे में घरों में खाए जाने वाले भोजन की मात्र और पोषक स्तर में सुधार करना आवश्यक है। एकीकृत बाल विकास सेवा योजना के तहत पूरक खाद्य पदार्थों तक पहुंच प्रदान करना और पोषण तथा स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थानीय आहार, उत्पादन और घरेलू व्यवहार में सुधार हेतु जानकारी प्रदान करना जरूरी है।
  • सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और एनीमिया को रोकना।
  • बुनियादी पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुँच बढ़ाना।
  • पानी और स्वच्छता संबंधी शिक्षा तथा सुविधाओं तक पहुंच में सुधार।
  • महिलाओं को बहुत जल्दी, बार-बार और कम अंतराल में गर्भधारण को रोकने के लिए सशक्त बनाना।