यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भारत का प्रथम कार्यस्थल समानता सूचकांक (India's First Workplace Equality Index)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारत का प्रथम कार्यस्थल समानता सूचकांक (India's First Workplace Equality Index)

भारत का प्रथम कार्यस्थल समानता सूचकांक (India's First Workplace Equality Index)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में केशव सूरी फाउंडेशन द्वारा भारत का पहला कार्यस्थल समानता सूचकांक जारी किया गया है। भारत में यह सूचकांक धारा 377 निरस्त होने के दो साल बाद लॉन्च किया गया है।

प्रमुख बिन्दु

  • केशव सूरी फाउंडेशन ने भारतीय कॉर्पोरेट जगत में India Workplace Equality Index (IWEI) को लॉन्च करने के लिए स्टोनवेल यूके, प्राइड सर्कल और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ मिलकर कार्य किया है।
  • इसकी पहली रिपोर्ट में 65 कंपनियों के विविधता और समावेश डाटा को शामिल किया गया है। इस सूचकांक ने कंपनियों को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया हैः स्वर्ण श्रेणी, रजत श्रेणी और कांस्य श्रेणी।

सूचकांक के मुख्य बिन्दु

  • कार्यस्थलों में एलजीबीटी और उससे संबंधित समुदाय (LGBT and related communities) के लोगों के साथ भेदभाव का अंत करने के लिए भारत में एक समता सूचकांक की शुरुआत हुई है। सूचकांक के पहले साल में समता की तरफ कदम बढ़ाने वाली 52 कंपनियों को पुरस्कार दिए गए हैं।
  • इस सूचकांक में दो भारतीय कंपनियों गोदरेज समूह और हिंदुस्तान यूनिलीवर को एलजीबीटीक्यू लोगों के लिए सबसे अच्छे एम्प्लॉयर के िखताब से नवाजा गया गौरतलब है कि 19 और कंपनियों ने स्वर्ण पुरस्कार जीते, लेकिन वे सब माइक्रोसॉफ्रट और एक्सेंचर जैसी विदेशी कंपनियां हैं।
  • इन्हें पुरस्कार जेंडर न्यूट्रल बाथरूम और समलैंगिक पार्टनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसी एलजीबीटीक्यू समावेशी नीतियां लागू करने के लिए दिए गए हैं। जीतने वाली कंपनियों में भी हिंदुस्तान यूनिलीवर ब्रिटिश कंपनी की भारतीय सब्सिडियरी कंपनी है।
  • पुरस्कार जीतने वाली 52 कंपनियों के इस सूचकांक में 67 प्रतिशत कंपनियां अंतरराष्ट्रीय हैं, 17 प्रतिशत भारतीय हैं और बाकियों ने अनाम रहना चुना है। टाटा स्टील समेत चार कंपनियों को रजत पुरस्कार दिया गया है।
  • पितृत्व अवकाश को ‘नवजात अभिभावक अवकाश’ नाम दे कर उसे समलैंगिक, ट्रांस और अकेले पुरुष अभिभावकों के लिए लागू करने के लिए टाटा स्टील की सराहना की गई।
  • सूचकांक को ब्रिटिश एलजीबीटीक्यूएडवोकेसी समूह स्टोनवॉल, भारत के केशव सूरी फाउंडेशन और एलजीबीटीक्यू समावेशी कंसल्टेंसी कंपनी प्राइड सर्किल ने मिल कर शुरू किया है।
  • रिसर्च से पता चला है कि एलजीबीटी प्लस लोगों के लिए बराबरी को प्रोत्साहित करने वाली कंपनियों में कर्मचारियों की भर्ती, उन्हें कंपनी के साथ बनाए रखना, उपभोक्ताओं के बीच कंपनी की छवि, उत्पादकता और लाभदायिकता सब बेहतर होती हैं।

सूचकांक का महत्व

  • यह सूचकांक उन नियोक्ताओं की पहचान करने में मदद करेगा जो LGBTQ को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सूचकांक उन नियोक्ताओं की भी पहचान करता है, जिन्होंने अपने संगठनों में एलजीबीटी क्यू के अधिकारों को सफलतापूर्वक बरकरार रखा है।
  • यह सूचकांक आगे उन कंपनियों को मान्यता देता है, जिन्होंने अपनी नीतियों, भर्ती प्रथाओं, आंतरिक और बाहरी संचार में LGBT & Related Communities को शामिल किया है। यह नीतियों और लाभों, कर्मचारी नेटवर्क, कर्मचारी जीवनचक्र, वरिष्ठ नेतृत्व, खरीद, निगरानी, सामुदायिक जुड़ाव और अन्य अतिरित्तफ़ कार्यों के संबंध में संगठनों द्वारा किए गए प्रदर्शन का मूल्यांकन भी करेगा।

धारा 377

  • आईपीसी की धारा 377 के तहत अंग्रेजी शासन के दौरान साल 1861 में समलैंगिकता को अपराध घोषित किया गया था। इसे अप्राकृतिक अपराध करार दिया गया और कहा गया कि जो भी अपनी मर्जी से किसी पुरुष, महिला या जानवर से प्रकृति के नियमों के खिलाफ जाकर शारीरिक संबंध बनाएगा, उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी।

LGBTफ़ समुदाय

  • समलैंगिकों को आम बोलचाल की भाषा में एलजीबीटी (LGBT) यानी लेस्बियन (LESBIAN), या गे (GAY), या बाईसेक्सुअल (BISEXUAL) और ट्रांसजेंडर कहते हैं। वहीं कई और दूसरे वर्गों को जोड़कर इसे क्विर (Queer) समुदाय का नाम दिया गया है। इसलिए इसे LGBTQ भी कहा जाता है।