यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भारत का पहला आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधन केन्द्र (India's First Wetland Conservation and Management Center)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारत का पहला आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधन केन्द्र (India's First Wetland Conservation and Management Center)

भारत का पहला आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रबंधन केन्द्र (India's First Wetland Conservation and Management Center)

चर्चा का कारण

  • विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर और भारत की आर्द्रभूमियों के संरक्षण, बहाली तथा प्रबंधन की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता के क्रम में हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत आने वाले संस्थान राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केन्द्र (एनसीएससीएम), चेन्नई के भाग के रूप में आर्द्रभूमि संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र (सीडब्ल्यूसीएम) की स्थापना की घोषणा की गयी है।

परिचय

  • इस प्रबंधन केन्द्र में विशेष शोध जरूरतों और जानकारियों में कमी का समाधान निकाला जाएगा। साथ ही आर्द्रभूमियों के संरक्षण, प्रबंधन और उचित उपयोग के लिए एकीकृत रणनीतियों के उपयोग में सहयोग लिया जाएगा।
  • गौरतलब है कि भारत में लगभग 4.6 प्रतिशत जमीन आर्द्रभूमि है, जिनका क्षेत्रफल 1.526 करोड़ हेक्टेयर है और ऐसे 42 स्थल हैं जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों (रामसर साइट्स) के रूप में नामित हैं, जिनका क्षेत्रफल 10.8 लाख हेक्टेयर है।

संरक्षण और प्रबंधन केंद्र का लाभ

  • यह केन्द्र उपयुक्त राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भागीदारी और नेटवर्क विकसित करने में मदद करेगा।
  • डब्ल्यूसीएम एक ज्ञान के केन्द्र के रूप में काम करेगा और राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों के आर्द्रभूमि प्राधिकरणों, आर्द्रभूमि के उपयोगकर्ताओं, प्रबंधकों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और प्रैक्टिसनर्स के बीच विचारों के आदान प्रदान को सक्षम बनाएगा।
  • यह केन्द्र उनके संरक्षण के लिए नीति और नियामकीय रूप रेखाओं के निर्माण व उनके कार्यान्वयन, प्रबंधन योजना, निगरानी और लक्षित अध्ययन में भी सहयोग करेगा।

आर्द्रभूमि

  • जल और किसी स्थल के बीच का संक्रमण क्षेत्र होता है। आर्द्रभूमि जैव विविधता के दृष्टिकोण से एक समृद्ध क्षेत्र होता है।
  • आर्द्रभूमियों को मुख्य रूप से दो वर्गों में बांटा जाता है- जिनमें सागर तटीय आर्द्रभूमि और अंतःस्थलीय आर्द्रभूमि शामिल हैं।

लाभ

  • आर्द्रभूमि को बायोलॉजिकल सुपर मार्केट कहा जाता है, क्योंकि ये विस्तृत भोज्य-जाल यानी Food-Webs का निर्माण करते हैं। इसके अलावा आर्द्रभूमियों को ‘किडनीज ऑफ द लैंडस्केप’ भी कहा जाता है।
  • साथ ही वेटलैंड महत्वपूर्ण वनस्पतियों और औषधीय पौधों के उत्पादन में सहायक होते हैं। लोगों की आजीविका के लिये भी आर्द्र-भूमि को काफी अहम माना जाता है।
  • इसके अलावा सबसे जरूरी ये कि पर्यावरण सरंक्षण के लिये वेटलैंड सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।

विश्व आर्द्रभूमि दिवस

  • आर्द्रभूमि के संरक्षण के लिए 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2021 में इस दिन ने आर्द्भूमि पर रामसर कन्वेंशन के हस्ताक्षर की 50वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया। इस कन्वेंशन को ईरान के रामसर में वर्ष 1971 में हस्ताक्षरित किया गया था।