यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: मानव विकास सूचकांक 2020 (Human Development Index 2020)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): मानव विकास सूचकांक 2020 (Human Development Index 2020)

मानव विकास सूचकांक 2020 (Human Development Index 2020)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने अपनी सालाना मानव विकास सूचकांक (Human Development Index) रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में 189 देशों के मानव विकास सूचकांक (HDI) की सूची में भारत 131वें स्थान पर है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भारत इस सूचकांक में 129वें स्थान पर था।

प्रमुख बिन्दु

  • वर्ष 2020 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने प्रत्येक देश के प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन (per-capita carbon emissions) और उसके मैटेरियल फुटप्रिंट (material footprint) के कारण होने वाले प्रभाव को दर्शाने के लिए एक नई मीट्रिक की शुरुआत की है, जो वस्तुओं को बनाने के लिए और सेवाओं का उपभोग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले जीवाश्म ईंधन, धातुओं और अन्य संसाधनों की मात्र को मापता है।
  • यूएनडीपी के मुताबिक अगर इस नई मीट्रिक (new metric) को शामिल करते हुए भारत की स्थिति को देखा जाए तो भारत वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में 8 पायदान ऊपर पहुँच जाएगा।
  • इस नई मीट्रिक (new metric) को सकता है। प्लैनेटरी प्रेशर-एड्जस्टेड एचडीआई या पीएचडीआई (Planetary Pressures-adjusted HDI, or PHDI) नाम दिया गया है।
  • वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) की रिपोर्ट में भारत की एचडीआई वैल्यू 0.645 है।
  • इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 वर्ष थी।

अन्य देशों की स्थिति

  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी किए गए वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में नॉर्वे सबसे ऊपर रहा और उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड का स्थान है।
  • वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में भारत के पड़ोसी देश भूटान 129वें स्थान पर, बांग्लादेश 133वें स्थान पर, नेपाल 142वें स्थान पर और पाकिस्तान 154वें स्थान पर रहा है।

मानव विकास सूचकांक (Human Development Index-HDI)

  • मानव विकास सूचकांक को प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(यूएनडीपी) द्वारा जारी किया जाता है।
  • इस सूचकांक में अभी तक विभिन्न देशों की स्थिति निम्नलिखित तीन प्रमुख बुनियादी आयामों पर आकलित की जाती थी-
  • जीवन प्रत्याशा

  • ज्ञान तक पहुँच

  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय

  • उल्लेखनीय है कि मानव विकास सूचकांक की अवधारणा का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक द्वारा किया गया था। इस अवधारणा का बाद में नब्बे के दशक में भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा समर्थन किया गया।

  • तत्पश्चात संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(यूएनडीपी) ने इस अवधारणा को अपनाया तथा पहला मानव विकास सूचकांक वर्ष 1990 में जारी किया गया।

सूचकांक में चेतावनी

  • मानव विकास सूचकांक में तर्क दिया गया है कि कोविड-19 महामारी दुनिया के सामने नवीनतम संकट है।
  • समुद्र के स्तर में वृद्धि से खतरे के दायरे में आने वाले अधिकांश लोग विकासशील देशों और विशेष रूप से एशिया और प्रशान्त में रहते हैं। पर्यावरणीय संकट पहले से ही दुनियाभर में विस्थापन का एक मुख्य कारण हैं, ऐसे में अनुमान यह है कि वर्ष 2050 तक दुनिया भर में 1 अरब से अधिक लोग विस्थापन का सामना कर सकते हैं।

समाधान

  • मानव विकास सूचकांक न केवल प्रगति दर्शाता है, बल्कि उन क्षेत्रें को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है, जिन पर अधिक ध्यान देने और जिन्हें अधिक संसाधन व हिमायत की जरूरत है।
  • जलवायु परिवर्तन स्पष्ट रूप से हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बनकर उभर रहा है, और इस वर्ष का मानव विकास सूचकांक इसी बात पर केन्द्रित है कि मानव विकास जलवायु संकट से कैसे जुड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, मानव विकास के अगले मोर्चे में, सामाजिक विकास, मूल्यों और वित्तीय प्रोत्साहनों में आवश्यक बदलाव लाते हुए, प्रकृति के खिलाफ न जाकर, प्रकृति के साथ मित्रवत काम करने की आवश्यकता होगी।