यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: अरुणाचल में चीन द्वारा बसाये गांव से बढ़ती चिंताएँ (Growing Concerns from China's Settled Village in Arunachal)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): अरुणाचल में चीन द्वारा बसाये गांव से बढ़ती चिंताएँ (Growing Concerns from China's Settled Village in Arunachal)

अरुणाचल में चीन द्वारा बसाये गांव से बढ़ती चिंताएँ (Growing Concerns from China's Settled Village in Arunachal)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में सेटेलाइट से ली गई एक तस्वीर से पता चला है कि चीन ने अरूणाचल प्रदेश की सीमा पर एक गाँव का निर्माण किया है। यह गाँव भारतीय सीमा के अंदर बनाया गया है। इस गांव में करीब 101 घर भी बनाए गए हैं। यह गांव अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक भारतीय सीमा के करीब 4.5 किमी अंदर स्थित है। इस गांव को त्सारी चू क्षेत्र में बसाया गया है। यह गांव अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में स्थित है।

प्रमुख बिन्दु

  • तस्वीरों के विश्लेषण के बाद विशेषज्ञों ने कहा है कि उक्त गांव भारतीय सीमा में करीब साढ़े चार किलोमीटर भीतर बसाया गया है। इस नई जानकारी ने खासकर पूर्वोत्तर सीमा पर भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। उस गांव के अरुणाचल के अपर सुबनसिरी जिले में त्सारी नदी के किनारे होने का दावा किया गया है। वह इलाका लंबे अरसे से भारत और चीन के बीच विवादित रहा है और वहां कई बार दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़पें भी हो चुकी हैं।
  • विशेषज्ञों ने 26 अगस्त 2019 को ली गई सेटेलाइट तस्वीरों से ताजा तस्वीर के मिलान के बाद कहा है कि उक्त गांव एक साल के भीतर बसाया गया है।
  • विश्लेषकों का मानना है कि चीन ने अपर सुबनसिरी जिले में भारतीय इलाके में करीब 70 किलोमीटर तक अतिक्रमण कर लिया है। अब नया गांव बसाना भारत के लिए बेहद चिंता की बात है। इससे सीमा सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
  • चीन ने इस गांव का ऐसे समय पर निर्माण किया है जब लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है।

चीन की मंशा

  • चीन बीते कुछ बरसों से खासकर पूर्वोत्तर सीमा पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। इनमें सड़क, ब्रिज, बांध और रेलवे लाइन शामिल हैं।
  • वैसे, चीन पहले भी सीमावर्ती इलाकों में सक्रियता दिखाता रहा है। लेकिन बीते साल गलवान घाटी में विवाद के बाद उसने खासकर पूर्वोत्तर सीमा पर अपनी गतिविधियां काफी तेज कर दी हैं। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध बनाने के फैसला किया गया है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ गईं हैं।
  • अब अपनी नई रणनीति के तहत वह इलाके में एक नई रेलवे परियोजना पूरा करने की तैयारी में है। इससे अरुणाचल प्रदेश सीमा तक उसकी पहुंच काफी आसान हो जाएगी। चीन की यह परियोजना भारत के लिए खतरे की घंटी बन सकती है। चीन ने हाल में ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक रेलवे ब्रिज का काम पूरा कर लिया है।
  • अरुणाचल में सियांग कही जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 525 मीटर लंबा यह ब्रिज नियंत्रण रेखा से महज 30 किलोमीटर दूर है। यह ब्रिज दरअसल 435 किलोमीटर लंबी ल्हासा-निंग्ची (लिंझी) रेलवे परियोजना का हिस्सा है। सामरिक और रणनीतिक रूप से सिचुआन-तिब्बत रेलवे लाइन का निर्माण काफी अहम है। यह रेलवे लाइन दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन की राजधानी चेंग्डू से शुरू होकर तिब्बत के लिंझी तक जाएगी। लिंझी अरुणाचल प्रदेश की सीमा से एकदम करीब है।

भारत के लिए चिंता की बात

  • चीनी गांव के पास भारत की कोई सड़क नहीं है और न ही कोई आधारभूत ढांचा है। इससे पहले नवंबर 2020 में बीजेपी के अरुणाचल प्रदेश के सांसद तापिर गावो ने लोकसभा में बताया था कि अरुणाचल राज्य में चीन की घुसपैठ बढ़ रही है । उन्होंने ऊपरी सुबनसिरी जिले का विशेष रूप से उल्लिेख किया था। सांसद तापिर गावो के अनुसार चीन सुबनसिरी जिले में सीमा में 60 से 70 किमी अंदर घुस आया है।

निष्कर्ष

  • भारत भी सीमावर्ती इलाके में बुनियादी ढांचा मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है। भारत ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के अलावा ब्रिज बनाए हैं। भारत को भी जवाबी रणनीति बना कर ठोस कार्रवाई करनी होगी। भारत का मानना है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।