यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: अनाज निर्यात एवं भारत (Grain Export and India)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): अनाज निर्यात एवं भारत (Grain Export and India)

अनाज निर्यात एवं भारत (Grain Export and India)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने जुलाई-जून (2020-21) के लिए भारतीय गेहूं निर्यात के अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 1.8 मिलियन टन कर दिया, जबकि इसके पहले के अनुमान के अनुसार यह एक मिलियन टन था। यह पिछले छह वर्षों में सबसे अधिक होगा।

प्रमुख बिन्दु

  • बढ़ती वैश्विक कीमतों ने भारतीय निर्यात के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश गेहूँ को ज्यादातर रूस से आयात करता है लेकिन रूस ने अब घरेलू कीमतों का मुकाबला करने के लिए गेहूँ पर निर्यात कर अधिरोपित किया है, ऐसे में बांग्लादेश, भारत से गेहूँ का आयात कर सकता है।

भारत से गेहूं का निर्यात एवं संबधित चुनौतियाँ

  • विश्लेषकों का मानना है कि सरकार गेहूँ पर 19,750 रूपये प्रति टन न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है, जो प्रतिस्पर्द्धी नहीं है। इसके अतिरिक्त सफाई, बैगिंग, लोडिंग और परिवहन की लागत अत्यधिक होने से निर्यात को बढ़ावा नहीं मिल पाता।
  • विश्व में अनाज का सबसे बड़ा निर्यातक होने के बावजूद भारत सरकार गेहूँ के सीमित निर्यात की अनुमति ही है।
  • गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में एमएसपी से कम मूल्य वाले गेहूँ का भंडारण उचित तरीके से नहीं हो पा रहा है।
  • हालाँकि माना जा रहा है मार्च के बाद से बाजारों में आने वाली नई फसल और गेहूं को रेल द्व शरा बांग्लादेश में निर्यात किया जा सकता है साथ ही मध्य पूर्व (यूएई, ओमान और बहरीन) और दक्षिण पूर्व एशिया (इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया) में भी भेजा जा सकता है।

भारत से चावल का निर्यात

  • यूएसडीए की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय चावल के आयात ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2020 में भारत ने 14.4 मीट्रिक टन चावल का आयात किया है। हालांकि देश के निकटतम प्रतिद्वन्दी थाईलैंड और वियतनाम को इस दौरान चावल की उत्पादकता में कमी का सामना करना पड़ा है।
  • दिसंबर 2020 में चीन के बाद पहली बार दोनों ने हाल ही में 70,000 टन भारतीय चावल का अनुबंध किया है। गौरतलब है कि दिसम्बर में चीन ने भारत के गैर बासमती चावल निर्यातकों को एक लाख टन चावल सप्लाई करने का आर्डर दिया था।
  • यूएसडीए ने 2021 में भारतीय चावल के आयात को 14 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है। साथ ही बांग्लादेश द्वारा 2020 में जो सिर्फ 80,000 टन चावल का आयात किया गया था, इस साल एक लाख टन खरीदने की उम्मीद है और इसका लाभार्थी फिर से भारत ही होगा।

निष्कर्ष

  • सरकार ने वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को बढ़ाकर 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे निकट भविष्य में 100 अरब डॉलर तक ले जाने की उम्मीद है।
  • सरकार की मंशा अपनी कृषि निर्यात नीति में भारत को शीर्ष 10 कृषि उत्पाद निर्यात करने वाले देशों की सूची में शामिल करना है। फिलहाल भारत की वैश्विक कृषि निर्यात में हिस्सेदारी मात्र 2.2 फीसद है, जिसे बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। गेहूं, चावल व चीनी के मामले में भारत खपत से अधिक उत्पादन यानी सरप्लस वाला देश बन चुका है।