यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (Financial Services Institutions Bureau)

चर्चा में क्यों?

  • वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (एफएसआईबी) ने हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों के पदों के लिए नामों की सिफारिश की है।

एफएसआईबी के बारे में

  • वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के तहत केंद्र सरकार द्वारा 01 जुलाई, 2022 से प्रभावी, वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो का गठन किया गया।
  • बोर्ड को केंद्र संचालित वित्तीय सेवा संस्थानों के पूर्णकालिक निदेशकों और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है।
  • यह सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों के महाप्रबंधकों और निदेशकों के चयन के लिए दिशानिर्देश भी जारी करेगा।
  • इसका मुख्य कार्य सरकार के स्वामित्व वाली वित्तीय सेवा संस्थाओं के लिए प्रमुखों की भर्ती करना है, बोर्ड राज्य द्वारा संचालित बैंकों के लिए व्यावसायिक रणनीति तैयार करने और विकसित करने में भी शामिल होगा और उनकी धन जुटाने की योजनाओं में उनकी मदद करेगा।

बोर्ड के सदस्य

  • एफएसआईबी का नेतृत्व एक अध्यक्ष करेगा ,जो केंद्र सरकार द्वारा नामित व्यक्ति होगा।
  • बोर्ड में डीएफएस के सचिव, आईआरडीएआई के अध्यक्ष और आरबीआई के एक डिप्टी गवर्नर शामिल होंगे।
  • इसके अतिरिक्त, इसमें तीन अंशकालिक सदस्य हैं जो बैंकिंग में विशेषज्ञ हैं और तीन अन्य बीमा क्षेत्र से हैं।

विजन

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के बोर्ड के लिए उपयुक्त व्यक्तियों को खोजना और उनका चयन करना और इन संस्थानों में कॉर्पोरेट शासन में सुधार के उपायों की सिफारिश करना शामिल है।

मिशन

  • सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों में कॉर्पोरेट प्रशासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना।

एफएसआईबी द्वारा बैंक बोर्ड ब्यूरो को प्रतिस्थापित करने के कारण

  • बीबीबी को पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अक्षम प्राधिकरण घोषित किया गया था, जब केंद्र के स्वामित्व वाली नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के एक महाप्रबंधक ने बीबीबी द्वारा निदेशक पद के लिए अपने से कनिष्ठ व्यक्ति की नियुक्ति को चुनौती दी थी।
  • इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए बीबीबी को समाप्त करना पड़ा और प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की मंजूरी के माध्यम से एफएसआईबी नामक एक नया निकाय स्थापित किया गया है।

एफएसआईबी की भूमिका

  • एफएसआईबी की प्राथमिक भूमिका जनशक्ति क्षमताओं की पहचान करना और सरकार के स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों में वरिष्ठ पदों के लिए प्रतिभा का उचित चयन सुनिश्चित करना है।
  • एफएसआईबी की भूमिका मैन (man)-मैनेजर की भूमिका से परे जाकर इन संस्थाओं में पूर्णकालिक निदेशकों के लिए एक आचार संहिता और नैतिकता तैयार करने में सरकार की सहायता करना है।
  • यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों और बीमा कंपनियों के प्रदर्शन की निगरानी और आकलन भी करेगा।

FSIB का महत्व

  • जब बीबीबी को अमल में लाया गया था, तब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के भीतर एकीकरण हुआ था।
  • फिर, बैंकों और बीमा कंपनियों दोनों के बैंक विलय और निजीकरण का एक और दौर हो सकता है।
  • मुख्य मुद्दा यह है कि क्या पीएसयू संस्थाएं परिचालन और प्रबंधन के दृष्टिकोण से निजीकरण की कसौटी का सामना करने के लिए तैयार हैं।
  • इसका सभी स्तरों पर मानवशत्तिफ़ की क्षमता के साथ गहरा संबंध है।
  • इसलिए, एफएसआईबी का मौन महत्ता निजीकरण प्रक्रिया के लिए बैंकों और बीमा कंपनियों को तैयार करना और आवश्यक मानव संसाधन उत्थान प्रथाओं को शुरू करना होगा।