यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: अंटार्कटिका में कोविड- 19 (COVID-19 in Antarctica)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): अंटार्कटिका में कोविड- 19 (COVID-19 in Antarctica)

अंटार्कटिका में कोविड- 19 (COVID-19 in Antarctica)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में अंटार्कटिका में चिली के एक अनुसंधान केंद्र में 36 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। दक्षिणी महाद्वीप पर कोरोना वायरस का यह पहला मामला है। इस प्रकार अब दुनिया के सातों महाद्वीपों पर कोरोना वायरस पहुँच चुका है।

प्रमुख बिन्दु

  • कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद अंटार्कटिका में पर्यटन पर रोक लगा दी गई थी। माना जा रहा है कि बीते 27 नवंबर 2020 को चिली से कुछ सामान अंटार्कटिका पहुंचा था। इसी वजह से यहां लोगों में संक्रमण फैला।
  • अंटार्कटिका महाद्वीप लगभग 60 स्थायी स्टेशनों को छोड़कर निर्जन है। अंटार्कटिका में वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए भारत सहित कई देशों द्वारा स्थायी स्टेशनों का निर्माण किया गया है।
  • अंटार्कटिका और महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीएओआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार हर साल अंटार्कटिका में भारतीय वैज्ञानिक मिशन का आयोजन करता है और इसरो लंबे समय से इसमें भाग ले रहा है।

अंटार्कटिका में भारतीय अनुसंधान स्टेशन

  • अंटार्कटिका में भारतीय दल कोरोना वायरस फैलने से चिंतित नहीं है। दो भारतीय स्थायी स्टेशन मैत्री और भारती, चिली बेस से कम से कम 5,000 किमी दूर हैं।
  • भारत ने सबसे पहले 1983-84 में अंटार्कटिका में दक्षिण गंगोत्री नाम से अपना पहला बेस शुरू किया था।
  • मैत्री अनुसंधान केन्द्र (Maitri Research Station) अंटार्कटिका में भारत का दूसरा स्थाई अनुसंधान केन्द्र है। इसका निर्माण 1989 में किया गया। मैत्री पूर्वी अंटार्कटिका के रानी मौड धरती क्षेत्र में शिरमाकर ओएसिस (Schirmacher Oasis) नामक एक पथरीले पठारी इलाके में स्थित है।
  • भारती, मैत्री रिसर्च सेंटर से लगभग 3000 किमी दूर है। इस बेस की शुरुआत भारत ने 18 मार्च 2012 में की थी, ताकि इंडियन अंटार्कटिक प्रोग्राम के लिए साइंटिफिक रिसर्च एक्टिविटी हो सके। भारत का ये रिसर्च सेन्टर अंटार्कटिका में स्टॉर्न्स पेनिनसुइला में थाला जोर्द और क्विल्टी बे के बीच मौजूद है।

अंटार्कटिका संधि प्रणाली

  • वर्ष 1959 से पूर्व ब्रिटेन, अर्जेटिना, चिली, आस्ट्रेलिया, नार्वे एवं न्यूजीलैण्ड के बीच अंटार्कटिका को लेकर एक समझौता हुआ एवं इन 6 देशों ने अंटार्कटिका की भूमि पर अपना-अपना हिस्सा भी तय कर लिया था। उपरोक्त 6 देशों के अतिरिक्त फ्रांस, जापान, बेल्ज्यिम, अमेरिका, सोवियत संघ एवं दक्षिण अफ्रीका इस संधि में शामिल थे। इस संधि के अनुसार ‘कंजर्वेशन ऑफ अंटार्कटिका’ में कार्य करने
    के लिये अनेक नियम कानून बनाए गए। भारत को 1984 में इसकी सदस्यता प्राप्त हुई।
  • वर्ष 1991 की अंटार्कटिका संधि के अनुसार अगले पाँच दशक तक अंटार्कटिका से किसी भी प्रकार के खनिज अथवा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं किया जाएगा। साथ ही वहाँ पर सम्पन्न किए जा रहे वैज्ञानिक कार्यों की जानकारी भी संबद्ध देश एक-दूसरे को उलपलब्ध कराएंगे।
  • अंटार्कटिका में किसी प्रकार के परमाणु परीक्षण न करने एवं अंटार्कटिका का उपयोग शांतिपूर्ण कार्यों के लिये करने का प्रावधान भी संधि में शामिल है।