यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (विषय: भारत के सेवा क्षेत्र में संकुचन (Contraction in India's Service Sector)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारत के सेवा क्षेत्र में संकुचन (Contraction in India's Service Sector)

भारत के सेवा क्षेत्र में संकुचन (Contraction in India's Service Sector)

चर्चा का कारण

  • कोरोना वायरस के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लगने वाले लॉकडाउन ने कंपनियों को परिचालन में कमी लाने और कर्मचारियों की संख्या में कटौती रखने को मजबूर किया, जिससे सेवा क्षेत्र में संकुचन बरकरार रहा। देश के सेवा क्षेत्र में जुलाई माह के दौरान भी गिरावट रही। हालांकि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज से सेवा क्षेत्र को थोड़ी राहत जरूर मिली है।
  • आईएचएस मार्किट इंडिया के सेवा क्षेत्र के खरीद प्रबंधकों के सूचकांक (पीएमआई) के मुताबिक जुलाई में सूचकांक में मामूली वृद्धि होने के बावजूद सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें माह संकुचन रहा। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार को बताता है जबकि 50 अंक से नीचे रहने पर यह संकुचन को दर्शाता है।

सेवा क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान

  • सेवा क्षेत्र पिछले तीन दशकों में वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ रहा है। भारत के विकास में सेवा क्षेत्र का अमूल्य योगदान रहा है, जिसका अर्थव्यवस्था में 55 प्रतिशत हिस्सा विद्यमान है।
  • सेवाओं के निर्यात ने हाल के वर्षो में वृद्धि की है, जिसके कारण दुनिया की वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी पिछले एक दशक में तेजी से बढ़कर 2018 में 3.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
  • विश्व बाजार में अनिश्चितता और विकसित अर्थव्यवस्थाओं की अनुमानित मंदी को देखते हुए इस साल 8 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है जबकि भारत के सेवा क्षेत्र को ज्यादातर घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ा है।

चुनौतियाँ अभी भी विद्यमान

  • कोविड 19 महामारी के कहर से अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार ने 20.9 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज दिया। किन्तु जानकारों का मानना है कि सेवा क्षेत्र में सरकार के आत्मनिर्भर सुधार पैकेज में कोई उल्लेख या ध्यान नहीं है।
  • पर्यटन, विमानन, नौवहन, कॉल सेंटर और वितरण सेवाओं के गतिविधियों में ठहराव से रोजगार, उत्पादन और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है । इसके अतिरिक्त अधिकांश सेवा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं और दुर्भाग्य से, उनके लिए कोई विशिष्ट राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन नहीं है। 4- सुझाव
  • कोविड 19 महामारी को देखते हुए अल्पावधि में सरकार को वैट में कटौती करने की आवश्यकता है, जो विमानन ईंधन पर 0-30 प्रतिशत है । जीएसटी के स्लैब में भी सरकार को बदलाव करना चाहिए, इसके अतिरिक्त काय र्शील पूँजी ऋण के लिए लचीली शर्तो का मसौदा तैयार करने की आवश्यकता है।
  • शिक्षा सेवा क्षेत्र में नए अवसरों का उपयोग करने में विद्यार्थियों को समर्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जीडीपी वृद्धि दर के साथ-साथ रोजगारों को भी ध्यान में रखना होगा और सेवा क्षेत्र देश के युवाओं के लिए अपेक्षाकृत अधिक संख्या में रोजगार सृजित कर सकता है।

आगे की राह

  • सरकार डब्यूटीओ नियमों का पालन करने के लिए वस्तुओ और सेवाओं के निर्यात दोनों को प्रभावित करने वाली अधिकांश निर्यात-प्रोत्साहन योजनाओ को रद्द करने या तकसंगर्त बनाने की प्रक्रिया में है। इससे निर्यातकों को और नुकसान होने की उम्मीद है। इसलिए जब तक सरकार आगामी विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित नहीं करती, तब तक इस क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में लम्बा समय लगेगा।
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