यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भांग को सबसे हानिकारक ड्रग्स की सूची से हटाया गया (Cannabis Removed from List of most Harmful Drugs)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भांग को सबसे हानिकारक ड्रग्स की सूची से हटाया गया (Cannabis Removed from List of most Harmful Drugs)

भांग को सबसे हानिकारक ड्रग्स की सूची से हटाया गया (Cannabis Removed from List of most Harmful Drugs)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मादक औषध आयोग (CND) द्वारा एकमात्र ‘मादक औषध सम्मेलन’ (Convention on Narcotic Drugs), 1961 की अनुसूची IV से भांग (Cannabis) और भांग की राल (Cannabis Resin) को हटाए जाने हेतु मतदान कराया गया और इस ऐतिहासिक मतदान के बाद भांग को खतरनाक ड्रग की सूची से हटा दिया गया। इस सिलसिले में हुई वोटिंग में 27 से ज्यादा देशों ने इसके पक्ष में वोट दिया।

पृष्ठभूमि

  • भ् शारत में भांग की खेती लगभग सात हजार वर्षों से होती आ रही है। इससे बनने वाले प्रोडक्ट्स से आयुर्वेद में कई बीमारियों का इलाज होता आया है।
  • वहीं, अमेरिका के कैलिफोर्निया ने जनवरी 2018 में भांग को मंजूरी दी थी। अगले दो वर्षों में इसकी बिक्री से जो टैक्स मिला, वह लगभग 7,345 करोड़ रुपये था।
  • ऐसा ही एक सुनहरा मौका भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के पास भी आया था परन्तु मुंबई भांग-गांजा के जरिये 641 करोड़ रुपये का बड़ा राजस्व पाने से इसलिए चूक गई, क्योंकि भारत में इसे रखना, बिक्री और इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

क्या होता है भांग का पौधा?

  •  मारिजुआना धरती पर सबसे अधिक प्रचलित नशीला पदार्थ होता है। मारिजुआना (भांग-चरस- गांजा-हशीश) का दूसरा नाम कैनबिस भी है।
  • यह कैनबिस सैटाइवा नाम के पौधे से प्राप्त होता है।
  • उल्लेखनीय है कि भांग के पौधे के फूल, पत्तियों और तनों को सूखाकर बनने वाला गांजा सबसे ज्यादा प्रचलित है।

कैनबिस के प्रभाव

  • कैनबिस के लगातार इस्तेमाल से तार्किक समझ और फैसले लेने में मुश्किल हो सकती है। साथ ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • इस बात का प्रमाण बढ़ रहा है कि जो लोग किसी गंभीर मानसिक बीमारी, अवसाद या मनोविकृति से ग्रसित होते हैं उनमें कैनबिस उपयोग की संभावना अधिक होती है या फिर अतीत में इन लोगों ने कैनबिस लंबी अवधि के लिए इस्तेमाल किया है।
  • कैनबिस के सेवन से लोग अनेक शारीरिक व्याधियों के शिकार हो सकते हैं। वहीं हिंसा और गुनाह की प्रवृत्ति के चपेट में आने से स्वयं को तथा परिवार को संकट में डाल सकते हैं।

भारत की स्थिति

  • भारत में मादक पदार्थों के संदर्भ में नारकोटिक ड्रग एवं सायकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम, 1985 (The Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act 1985) बनाया गया था, जिसे प्रभावी बनाने के लिए 2014 में संशोधन बिल लाया गया।
  • इसके आधार पर 2015 में नया कानून बनाया गया। यह एक्ट चरस, गांजा या फिर कैनबिस के दूसरे रूपों को पूरी तरह प्रतिबंधित करता है। हालांकि इस कानून में कैनबिस की परिभाषा में भांग को नहीं जोड़ा गया है।
  • वर्तमान मतदान में भारत सहित अमेरिका और अधिकांश यूरोपीय राष्ट्रों ने भांग को ‘सबसे हानिकारक ड्रग्स’ की सूची से हटाने के पक्ष में मतदान किया।
  • वहीं चीन, पाकिस्तान और रूस द्वारा प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया गया।

आगे की राह

  • सरकार को यह प्रयास करना चाहिए कि कैनबिस (भांग) का व्यावसायीकरण उस स्तर का ना हो सके जैसे अमेरिका में देखा जा रहा है। आज वहाँ कैनबिस को आइस्क्रीम सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि रूपों में परोसा जा रहा है।
  • भारत सरकार को चाहिए कि वह बच्चों, युवा या फिर वे लोग जो किसी प्रकार कैनबिस का प्रयोग कर रहे हैं उन्हें इसके गलत प्रभावों की जानकारी दे।
  • सरकार को चाहिए कि वे उन लोगों को जो कैनबिस के आदि हो चुके हैं, उन्हें अच्छी स्वास्थ्य व सुविधा उपलब्ध करायें।
  • भले ही सरकार इसे देश में वैधता ना दे लेकिन इस दिशा में जरूरी कदम उठाये और देखें कि क्या कैनबिस के प्रभाव सही मायने में अच्छे हैं या बुरे हैं।