यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध (American ban on Cuba)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध (American ban on Cuba)

क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध (American ban on Cuba)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने क्यूबा पर "सरकार समर्थित आतंकवाद" का दोष लगा कर इस देश पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने क्यूबा से विमानों की आवाजाही, कारोबार और आर्थिक लेनदेन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। यह फैसला अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता की कमान संभालने से कुछ दिन पहले ही लिया गया है।

प्रमुख बिन्दु

  • अमेरिका उन देशों को सूचीबद्ध करता है जो बार-बार आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों के तहत अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों के लिए समर्थन प्रदान करते हैं। इस सूची को पहली बार 1979 में इराक, लीबिया, सीरिया और दक्षिण यमन के साथ जारी किया गया था।
  • अमेरिका का कहना है कि अमेरिकी भगोड़ों को क्यूबा में शरण मिलती है। इसके साथ ही अमेरिका ने क्यूबा पर कोलंबियाई गुरिल्ला कमांडरों का प्रत्यर्पण करने से इनकार करने और वेनेजुएला में निकोलस मादुरो का समर्थन करने के आरोप भी लगाए।
  • मादुरो का समर्थन करने के लिए क्यूबा की आलोचना करने के साथ ही ट्रंप प्रशासन का यह भी मानना था कि अमेरिकी राजनयिकों पर कथित सैनिक हमले के पीछे क्यूबा का हाथ हो सकता है। 2016 के आखिर में हवाना में हुए इन हमलों के बाद दर्जनों अमेरिकी राजनयिकों को दिमागी बीमारी हुई थी। इसे हवाना सिंड्रोम का नाम दिया गया था और इसने दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब कर दिया था।
  • मई 2020 में अमेरिकी विदेश विभाग ने क्यूबा को उन देशों की सूची में डाला जो अमेरिका के आतंकवाद रोधी कार्यक्रमों में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे विदेश विभाग का कहना था कि कोलंबिया के विद्रोही गुट नेशनल लिबरेशन आर्मी के कई सदस्य क्यूबा में हैं जबकि कोलंबिया की सरकार उनके प्रत्यर्पण की मांग लगातार कर रही है।
  • नेशनल लिबरेशन आर्मी को अमेरिका और कोलंबिया ने आतंकवादी संगठन माना है। क्यूबा इस अनुरोध को खारिज करता है। उसका कहना है कि यह कोलंबिया सरकार के साथ शांति की कोशिशों के लिए जो प्रोटोकॉल तय किए गए हैं उनका उल्लंघन होगा।

तनावपूर्ण सम्बन्धों का ऐतिहासिक कारण

  • 1959 में फिदेल कास्त्रे के देश का शासन अपने हाथ में लेने के बाद से अमेरिका के साथ क्यूबा के रिश्तों में ठहराव आ गया था। इसके बाद अमेरिका ने वर्ष 1961 में क्यूबा के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिये और फिदेल कास्त्रे के शासन को उखाड़ फेंकने के लिये गुप्त अभियान भी शुरू किया।

आतंकवाद के प्रायोजकों की सूची का इतिहास

  • क्यूबा को 1992 में, ईरान को 1984 में जोड़ा गया। बाद में उत्तर कोरिया और सूडान को क्रमशः 1988 और 1993 में जोड़ा गया। दक्षिण यमन को 1990 में हटा दिया गया था। इराक को दो बार सूची से हटाया गया, 1982 में एक बार और फिर 2004 में। लीबिया को 2006 में सूची से हटाया गया। उत्तर कोरिया को 2008 में हटा दिया गया और 2017 में फिर से जोड़ा गया। क्यूबा को 2015 में हटाया गया था और अब फिर से जोड़ा गया है।
  • वर्तमान में ईरान, सीरिया और उत्तर कोरिया आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों की सूची में हैं। हाल ही में सूडान को आतंकवाद के राज्य प्रायोजकों की सूची से हटा दिया गया था।

क्यूबा की प्रतिक्रिया

  • क्यूबा उन अमेरिकी भगोड़ों को अमेरिका के हाथ में सौंपने से लगातार इनकार करता रहा है जिन्हें उसने अपने यहां शरण दे रखी है। इनमें 1970 के दशक का वह काला चरमपंथी भी शामिल हैं जिसे न्यूजर्सी के सैनिक को मारने का दोषी माना गया।
  • क्यूबा ने राजनीतिक शरण देने के अलावा मुफ्रत में घर और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ कुछ दूसरी सुविधाएं भी दे रखी हैं। साथ ही वह यह भी दावा करता है कि अमेरिका के पास उन्हें लौटाने की मांग करने का कोई कानूनी या नैतिक आधार नहीं है।