यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन में अमेरिका की वापसी (America Returns to Trans-Atlantic Alliance)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन में अमेरिका की वापसी (America Returns to Trans-Atlantic Alliance)

ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन में अमेरिका की वापसी (America Returns to Trans-Atlantic Alliance)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (Munich Security Conference) के दौरान घोषणा की कि ‘ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन’ में अमेरिका शामिल हो रहा है। इसके अतिरिक्त जो बाइडेन ने कहा है कि वह अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों के साथ रिश्तों को और मजबूत करेंगे। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन काल में अमेरिका ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन से अलग हो गया था।

प्रमुख बिन्दु

  • ट्रंप प्रशासन के तहत, यूरोपीय देशों को व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों के रूप में देखने, ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने और यूरोपीय देशों पर अपनी रक्षा प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ाने के उनके फैसले के कारण ट्रांस-अटलांटिक मतभेद (अटलांटिक महासागर के पार के देश) बढ़ गए थे। इस सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और ट्रांस-अटलांटिक के देशों के बीच तनाव घटाने और विश्वास बढ़ाने पर जोर दिया।
  • अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्रांस अटलांटिक मामलों में पारंपरिक संबंधों को दरकिनार कर, लीक से हटकर कार्रवाई करने में, यूरोप को लेकर उनकी बयानबाजी हावी रही है। इसके तहत
    उन्होंने, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अंतर्गत, यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ अमेरिका के आर्थिक संबंधों में संतुलन की मांग की थी। हालांकि, अनुभवजन्य साक्ष्य (Empirical evidence) यह दिखाता है कि इन बातों को लेकर ट्रंप का रिकॉर्ड वास्तव में मिश्रित रहा है। इसमें कुछ उल्लेखनीय नीति-स्तरीय उपलब्धियां और ऐसे विवाद भी शामिल हैं जो उनके कार्यकाल से पहले के थे।
  • इस सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने, चीन और रूस द्वारा पेश आर्थिक और सुरक्षा से संबंधित चुनौतियां, कोरोना वायरस के कारण नुकसान की भरपाई जैसे मुद्दे भी उठाए।
  • चीन की आर्थिक महत्वाकांक्षा को यूरोप बड़ा खतरा नहीं मानता है जबकि अमेरिका के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है। रूस को लेकर भी अमेरिका के रुख पर यूरोप के देशों में मतभेद है।

हाल के वर्षों में अमेरिका-यूरोप संबंधों में तनाव

  • यूरोप द्वारा ईरान को लेकर ट्रांस-अटलांटिक हस्तक्षेप (INSTEX जैसे उपायों के माध्यम से) के चलते, और यूरोपीय संगठनों द्वारा अपने हितों की बात करने से अमेरिका नाराज हो गया था। इसके अतिरिक्त देखा जाये तो वर्ष 2020 में अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए चीन अब यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है।
  • हालाँकि अमेरिका और ब्रिटेन अब भी यूरोपीय संघ के निर्यात के सबसे बड़े बाजार बने हुए हैं। लेकिन आँकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के साथ ईयू के व्यापार में बड़ी गिरावट आई है। ये व्यापार बदले की कार्रवाई वाले विवादों की शृंखला से प्रभावित हुआ है, जिसके कारण स्टील और फ्रेंच कोनियाक के साथ-साथ अमेरिकी हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिलों पर शुल्क लगाया गया। वर्ष 2020 में यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका का व्यापार 671 अरब डॉलर का रहा। जबकि इससे एक साल पहले ये 746 अरब डॉलर था।
  • गौरतलब है कि ट्रांस अटलांटिक ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप (TTIP) यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापार और बहुपक्षीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक प्रस्तावित व्यापार समझौता था।
  • पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नाटो (North Atlantic Treaty Organization-NATO) की आलोचना की, जिसे ट्रांस-अटलांटिक गठबंधन का आधार माना जाता है, साथ ही पेरिस जलवायु समझौता, ईरान परमाणु समझौता आदि से स्वयं को अलग कर लिया, जिसे यूरोपीय संघ समर्थन देता था।

अमेरिका की घोषणा का महत्व

  • अमेरिकी प्रशासन ने जलवायु परिवर्तन और ईरान सहित कई प्रमुख मुद्दों पर यूरोप के साथ अपने संबंधों को तेजी से नया मोड़ दिया है।
  • आर्कटिक काउंसिल में अमेरिकी हितों को बढ़ावा मिल सकता है।
  • अमेरिका के ट्रांस अटलांटिक गठबंधन में शामिल होने से बहुपक्षवाद को फिर से गति मिलने की संभावना है।

नाटो

  • नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 हुई थी। यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, इसे उत्तर अटलांटिक एलायंस भी कहा जाता है। वर्तमान में इसके 29 सदस्य देश हैं। नाटो का मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में है।